hindi kahaniya - An Overview
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स्वामी रामतीर्थ सन्यास लेने के पूर्व तीरथराम थे. और लाहौर के एक स्कुल में गणित के प्राध्यापक थे.
अब मोर की बात सुनकर, देवी ने समझाया, “भगवान के द्वारा सभी का हिस्सा निर्धारित है, हर जीव अपने तरीके से खास होता है। भगवान ने उन्हें अलग–अलग बनाया है और वे एक निश्चित काम के लिए हैं। उन्होंने मोर को सुंदरता दी, शेर को ताकत और कोयल को मीठी आवाज!
जब तक आप नियमित और दृढ़ हैं, आप हमेशा जीतेंगे, चाहे आपकी गति कुछ भी हो। आलस्य और घमंड हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, इससे दूर रहा चाहिए।
इन सब बातों का उमा पर कोई असर नही था. जैसे ही बया कोई घौसला बनाती वह उन्हें फिर से गिराकर स्वयं को आनन्दित महसूस करती, मगर बया भी कहाँ हार मानने वाली थी.
एक विद्यार्थी ने उठकर उस रेखा उस रेखा के पास लम्बी रेखा खीच दी, जिससे पहली रेखा छोटी हो गईं.
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अतः उन्हें समझा बुझलाकर शांत करने एवं आपस में समझौता कराने का प्रयास करना चाहिए.
यह भूमि तो कुछ बोलेगी नही इसलिए आप ही हमारा निर्णय कर दीजिए.
एक खरगोश भासुरक के पास जाकर उसे बुला लाए, मै स्वय निबट लूँगा. हममे से जो बलशाली होगा, वही इस जंगल का राजा होगा.
वे अपने आप तुमसे छोटे हो जाएगे..
विनम्र रहें और यह कभी न भूलें कि शरीर का आकार मायने नहीं रखता है, बल्कि आपकी अंदर की शक्ति ही जरुरत आने पर काम आती है।
चमनपुर गाँव पहाडियों के बिच बसा हुआ हैं, गाँव से थोड़ी दूर पाठशाला थी.
उसने सोचा यह कुछ ही मिनट का काम है वह तिनकों को लेकर पेड़ की डाल पर चढ़ी और उन पर रखती गयी मगर जैसे जैसे वह तिनका रखती वह नीचे गिरती रही.
माँ से बड़े मीठे स्वर में बेटी को जवाब दिया- आप जो पेड़ पर घौसला देख रही हो, वह एक चिड़िया का है जिसका नाम बया हैं.